मुंबई में बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के घर के बाहर 14 अप्रैल, 2024 की सुबह जो घटना हुई, उसने पूरे देश को सकते में डाल दिया। यह सिर्फ एक आम गोलीबारी नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी बड़ी साजिश थी, जिसके तार एक कुख्यात गैंगस्टर से जुड़े थे। मुंबई पुलिस ने इस मामले की गुत्थी को तुरंत सुलझाना शुरू किया और बहुत जल्द ही इस वारदात में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
यह घटना मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट की है, जहां सलमान खान रहते हैं। तड़के लगभग पाँच बजे, मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावर आए और उन्होंने गैलेक्सी अपार्टमेंट की बालकनी की तरफ़ तेज़ी से चार से पाँच राउंड गोलियां चलाईं। गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई, लेकिन इसने सुपरस्टार की सुरक्षा और मुंबई शहर की शांति पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई और पकड़े गए पांच मुख्य आरोपी
गोलीबारी के बाद, दोनों हमलावर मौके से तुरंत भाग निकले, लेकिन मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तुरंत एक्शन लिया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से, पुलिस ने उन दोनों शूटरों की पहचान की और दो दिन के भीतर ही उन्हें गुजरात के भुज से गिरफ्तार कर लिया।
जाँच आगे बढ़ी तो पता चला कि यह घटना सिर्फ दो शूटरों का काम नहीं था, बल्कि यह एक संगठित आपराधिक गिरोह की साज़िश थी। इस केस में जो पांच मुख्य लोग पुलिस की गिरफ्त में आए या जिन पर आरोप तय हुए, उनकी भूमिकाएं इस प्रकार हैं:
सागर पाल ही वह मुख्य व्यक्ति था जो मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा था और जिसने कथित तौर पर सलमान खान के घर की बालकनी की ओर गोली चलाई थी। वह बिहार के चंपारण का रहने वाला है और माना जाता है कि वह पैसे के लालच में इस गैंग के संपर्क में आया था। पुलिस के अनुसार, घटना को अंजाम देने के बाद वह तुरंत विक्की गुप्ता के साथ मौके से भाग गया था।
विक्की गुप्ता भी बिहार का रहने वाला है और वह घटना के समय मोटरसाइकिल चला रहा था। उसने भागने में सागर पाल की मदद की। जांच में पता चला कि गोलीबारी से पहले इन दोनों ने मुंबई और सलमान खान के पनवेल फार्महाउस के आस-पास के इलाके की कई बार रेकी की थी। ये दोनों गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई के सीधे संपर्क में थे।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड माना जाता है। बिश्नोई काफी समय से सलमान खान को जान से मारने की धमकियां दे रहा था। सलमान खान को उनका पुराना दुश्मन माना जाता है, क्योंकि उन्होंने 1998 में काले हिरण का शिकार किया था, जिसे बिश्नोई समुदाय पवित्र मानता है। हालाँकि लॉरेंस जेल में बंद है, लेकिन पुलिस का मानना है कि उसी के कहने पर उसके गैंग ने यह वारदात अंजाम दी।
लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई इस वारदात का एक और मुख्य सूत्रधार था। गोलीबारी की घटना होने के कुछ ही देर बाद, अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसने इस घटना को सलमान खान के लिए “पहली और आखिरी चेतावनी” बताया था। अनमोल विदेश से बैठकर इस पूरी प्लानिंग को अंजाम दे रहा था और शूटरों को निर्देश दे रहा था।
यह आरोपी इस साजिश में मदद करने वाला एक अहम कड़ी था। पुलिस ने इसे राजस्थान से गिरफ्तार किया था। मोहम्मद चौधरी पर आरोप है कि उसने शूटरों के लिए रुकने और भागने का इंतजाम किया था, और उन्हें पैसे भी मुहैया कराए थे। ऐसी बड़ी वारदातों में शूटरों को मदद देने वाले ये लोग ही गैंग की रीढ़ की हड्डी होते हैं, जो उन्हें पहचान छुपाने और छिपने में मदद करते हैं।
पुलिस की शुरुआती जांच में शूटरों ने दावा किया था कि उनका मकसद सलमान खान को जान से मारना नहीं, बल्कि उन्हें डराना और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की ताकत दिखाना था।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में मुंबई पुलिस ने सभी आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम जैसी सख्त धाराएं लगाई हैं, जिससे उन्हें जमानत मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने में मदद मिलती है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि वह इस गैंग और उनके मंसूबों को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव कानूनी कार्रवाई करेगी।
यह घटना यह भी दिखाती है कि कैसे जेल में बैठे गैंगस्टर भी अपने गुर्गों का इस्तेमाल करके देश के बड़े शहरों में अपराध को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, लेकिन मुंबई पुलिस की तत्परता ने इस साजिश में शामिल सभी मुख्य लोगों को पकड़कर कानून के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
टीवी सीरियल और बॉलीवुड की लेटेस्ट गॉसिप और अपकमिंग एपिसोड के लिए बने रहिए tellybooster के साथ।

