बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने अपने करियर में कई यादगार और चुनौतीपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। हालांकि, उनके पेशेवर जीवन में एक ऐसा मोड़ भी आया, जब उन्होंने एक ऐसी फिल्म के मुख्य खलनायक की भूमिका को ठुकरा दिया, जिसने आगे चलकर बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया। यह फिल्म थी फ़राह खान के निर्देशन में बनी, शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की डेब्यू फिल्म ‘ओम शांति ओम’ (2007)।
विवेक ने कई इंटरव्यू में खुलकर बताया है कि उन्हें इस फिल्म में मुकेश मेहरा (ओ.एम.) का प्रतिष्ठित किरदार ऑफर हुआ था, जिसे बाद में अभिनेता अर्जुन रामपाल ने निभाया था और जिसके लिए उन्हें काफी सराहना मिली थी। विवेक ओबेरॉय ने इस बड़े अवसर को ठुकराने की जो वजह बताई, वह केवल ‘तारीखों के टकराव’ से कहीं अधिक, एक कलाकार के रूप में किरदार के प्रति उनकी गहन प्रतिबद्धता से जुड़ी हुई थी।
जब ‘ओम शांति ओम’ की कास्टिंग चल रही थी, विवेक ओबेरॉय पहले से ही एक बहुत ही गहन और डार्क किरदार की तैयारी में पूरी तरह से डूबे हुए थे— यह किरदार था गैंगस्टर माया डोलास का, जिसे उन्हें फ़िल्म ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ (2007) में निभाना था।
विवेक ओबेरॉय ने बताया कि ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ के लिए उनकी तैयारी बहुत लंबी और समर्पित थी। उन्होंने इस किरदार को निभाने के लिए लगभग चार से पांच महीने पहले ही रिसर्च शुरू कर दी थी। वह मुंबई पुलिस के अधिकारियों से मिले, क्राइम फाइल्स पढ़ीं, गैंगस्टर के परिवार और माहौल को समझा। वह उस किरदार की मनोदशा और भाषा को पूरी तरह से आत्मसात कर चुके थे। यह एक बेहद रफ, रियल और कच्चा गैंगस्टर रोल था, जिसने उन्हें भावनात्मक और मानसिक रूप से बांध रखा था।
ठीक उसी समय, उन्हें ‘ओम शांति ओम’ में ‘मुकेश मेहरा’ का रोल ऑफर हुआ। मुकेश मेहरा का किरदार एक शांत, सूट-बूट पहनने वाला, बेहद चालाक और धूर्त फिल्म प्रोड्यूसर-कम-खलनायक था।
विवेक ने इस रोल को ठुकराने की सबसे बड़ी वजह यह बताई कि वह एक ही समय में दो इतने अलग-अलग नकारात्मक किरदारों को निभाकर किसी के साथ न्याय नहीं कर सकते थे। विवेक ओबेरॉय के शब्द, मैं ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ के लिए एक खतरनाक और कच्चे गैंगस्टर के किरदार में पूरी तरह से डूब चुका था। मैं लगभग पाँच महीनों तक माया डोलास की दुनिया में रहा। ऐसे में, अचानक से खुद को निकालकर ‘ओम शांति ओम’ के एक अलग तरह के, अधिक चालाक और पॉलिश विलेन के सूट-बूट वाले किरदार में ढालना संभव नहीं था। यह किरदार के प्रति मेरे समर्पण के साथ बेईमानी होती।
चूँकि दोनों फिल्मों की शूटिंग की तारीखें पूरी तरह से एक-दूसरे से टकरा रही थीं, इसलिए विवेक को एक को चुनना पड़ा। उन्होंने अपनी उस गहन तैयारी और जिस प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने पहले ही इतना समय दिया था, उसके प्रति अपनी ईमानदारी को चुना और ‘ओम शांति ओम’ के बड़े ऑफर को विनम्रतापूर्वक मना कर दिया।
विवेक ओबेरॉय ने स्वीकार किया कि वह शाहरुख खान और फ़राह खान की फिल्म का हिस्सा बनकर बहुत खुश होते, लेकिन एक कलाकार के तौर पर उस समय उनकी प्राथमिकता पहले से स्वीकार किए गए किरदार को 100% देना था। अंत में, अर्जुन रामपाल ने यह भूमिका निभाई और फिल्म एक कल्ट क्लासिक बन गई। हालांकि, विवेक ने भी ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ में माया डोलास के किरदार के लिए काफी प्रशंसा बटोरी।

